बीजापुर एनकाउंटर: नक्सलियों ने रखा सरकार से बातचीत का प्रस्तव, जवान की रिहाई के लिए रखी शर्त

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर में शनिवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ (Bijapur Naxal attack) के बाद अगवा किए गए जवान राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई के लिए नक्सलियों ने बातचीत की पेशकश की है। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने मंगलवार को एक खुला पत्र जारी कर केंद्र सरकार के साथ बातचीत करने की इच्छा जताई है। संगठन ने अगवा जवान को रिहा करने के लिए केंद्र मध्यस्थों को नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा।
दो पेज के इस चिट्ठी में कहा गया है, बीजापुर हमले (Bijapur Naxal attack) में 24 सुरक्षाकर्मियों की जान गई, 31 घायल हुए, 1 हिरासत में है। पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के 4 जवानों की जान चली गई। हम सरकार से बातचीत को तैयार हैं। वे मध्यस्थों की घोषणा कर सकते हैं। हम उसे रिहा कर देंगे। जवान हमारे दुश्मन नहीं हैं।
सीआरपीएफ निदेशक बोले-जवानों ने किया डटकर मुकाबला
इस बीच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों के आपरेशन (Bijapur Naxal attack) में कोई कमी नहीं थी और हमारे जवानों ने कई नक्सलियों को मार गिराया। महानिदेशक ने कहा कि हमारे जवानों ने करीब 700-750 प्रशिक्षित नक्सलियों से डटकर मुकाबला किया, उनका घेरा तोड़ा और 28 से 30 नक्सलियों को मार गिराया और घायल जवानों की मदद की।
उन्होंने कहा कि इस आपरेशन (Bijapur Naxal attack) के संयोजन, खुफिया सूचनाओं और राहत कार्य में कोई कमी नहीं थी। हमें पता चला था कि बीजापुर के गांव में बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं और सुरक्षा बलों ने मिलकर आपरेशन चलाया। नक्सलियों ने 3 अप्रैल को वापस आते समय हमारे जवानों को घात लगाकर घेर लिया और देशी अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर, लाइट मशीन गन और अन्य आटोमैटिक हथियारों से भारी फायरिंग की। आपरेशन के समय कमांडेंट स्तर के अधिकारी वहां थे।