New Delhi: स्वीडन के राजा कार्ल XVI गुस्ताफ अपनी रानी सिल्विया के साथ सोमवार को दिल्ली पहुंचे। यह शाही जोड़ा एयर इंडिया के विमान से दिल्ली (King Of Sweden Carrying His Luggage in Delhi) आया। उन्होंने स्टॉकहोम से उड़ान भरी थी। एयर इंडिया ने इस यात्रा को गर्व का क्षण बताते हुए दो तस्वीरें पोस्ट कीं।
दिलचस्प बात यह रही कि इन तस्वीरों (King Of Sweden Carrying His Luggage in Delhi) में लोगों को कुछ ऐसा दिखा कि अब सभी राजा-रानी के कायल हो गए हैं। यही नहीं, यूजर्स शाही जोड़े से देश के हर नागरिक और संसद में बैठे मंत्रियों तक को सीख लेने की नसीहत दे रहे हैं।
#FlyAI : Very Proud moment of Air India when we had a Special Guest onboard. His Majesty Carl Gustaf Folke Hubertus , King of Sweden and Her Majesty Silvia Renate Sommerlath travelled AI168 Stockholm to Delhi. Ms. Sangeeta Sanyal Country Manager Sweden greeted the Royal guests. pic.twitter.com/LXrLeEoDqd
— Air India (@airindiain) December 2, 2019
राजा-रानी की सादगी ने लूटा दिल
शाही जोड़े की ये दोनों तस्वीरें खूब पसंद की जा रही हैं। दोनों तस्वीरें दिल्ली एयरपोर्ट की हैं। दरअसल, तस्वीरों में राजा कार्ल XVI गुस्ताफ और रानी सिल्विया अपना-अपना बैग खुद उठाए नजर आ रहे हैं। स्वीडन के राजा की इस सादगी ने दोनों को दिल जीत लिया है। लोग राजा-रानी की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।
एयर इंडिया ने अपने ट्वीट में क्या लिखा
एयर इंडिया ने अपने ट्विटर पर दोनों की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘स्वीडन के राजा कार्ल गुस्ताफ और रानी सिल्विया ने AI168 स्टॉकहोम से दिल्ली की यात्रा की। शाही मेहमानों का स्वीडन की कंट्री मैनेजर संगीता सान्याल ने स्वागत किया।’
पांच दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचा शाही जोड़ा

बता दें कि शाही जोड़ा पांच दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचा है। राजा कार्ल और रानी सिल्विया का राष्ट्रपति भवन में रस्मी स्वागत किया गया। दोनों दिल्ली में जामा मस्जिद, लाल किला और गांधी स्मृति भी जाएंगे। स्वीडन के राजा की इस यात्रा से दोनों देशों में द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजूबती मिलेगी। इस दौरान दोनों देश कई अहम दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
बीते वर्षों में मजबूत हुए हैं संबंध
गौरतलब है कि भारत और स्वीडन के बीच बीते कुछ वर्षों में संबंध बहुत मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच 2018 में 3.37 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार था।